Friday, 31 May 2024

में बेहोस तु नशा!

              लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 


हमें क्षमा करना यारम
प्रेमके नशेमे है हम!

तुम्हारी प्रेमकी नशेमे उतरकर
हदसे गुजररहे है हम!

तुम्हारी नैनोकी मदिरा पिकर
मदहोसीमे जिरहे है हम!

तुम्हारी बाहोकी गर्मीको छुकर
तनमनसे पिघलरहे है हम!

तुम्हारी बदनकी खुस्बुको सुंघकर
नशेमे डुबरहे है हम!

तुम्हारी बातोकी भूलभुलैयामे झुमकर
तुझमे खोरहे है हम!

Tuesday, 28 May 2024

कोही गम नही😢😢…

               लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 


मेरे नसिबमे नही हो
तो क्या गम है
दिलमे तो हो न।

मेरे जीन्दगीमे नही हो
तो क्या गम है
खाबोमे तो हो न।

मेरे सामने नही हो
तो क्या गम है
ढुढतेरहते तो हो न।

मेरे करिव नही हो
तो क्या गम है
प्यारमे तो हो न।

तुमको छु नासके तो
तो क्या गम है
यादोमे तो हो न।

मेरे बाहोमे नही हो
तो क्या गम है
कल्पनाओंमे तो हो न।

मेरे रातोमे नही हो
तो क्या गम है
आशाओंमे तो हो न।

😢😢तुम मेरे आशाओंमे तो हो न…

https://www.youtube.com/watch?v=x5QiFMshJy4&ab_channel=UditNarayan-Topic

Monday, 20 May 2024

हमारा सायराना इस्क💗💖

                       लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 


इस्क खुदा है, इस्क इवादत है
इस्क आशमान है, इस्क जन्नत है
इस्क प्रकृति है, इस्क सायरी है
इस्क प्राण है, इस्क जीवन है
इस्क अदा है, इस्क फिदा है

उनका छुपछुपकर मुझे देख्ना इस्क है
उनका खिलखिलाके खुलके हँस्ना इस्क है
उनका मेरेलिए संगीत सुनाना इस्क है
उनका भावसे सायरी कर्ना इस्क है
उनका तिरछी सायराना अन्दाज इस्क है

उनका मन्दसे मुस्कुराना सायरी करती है
उनका धिरेसे चल्ना सायरी करती है
उनका चुपकेसे बोल्ना सायरी करती है
उनका छुपकेसे आना सायरी करती है
उनका हल्केसे छेड्ना सायरी करती है
उनका मजाकमे रुठ्ना सायरी करती है
उनका प्यारसे मनाना सायरी करती है।

वो सायर है इस्कका, मै सायरी
वो खुदा है इस्कका, मै पूजारन
वो जन्नत है इस्कका, मै परी
वो दिया है इस्कका, मै बाती
वो आत्मा है इस्कका, मै काया 
वो जिगर है इस्कका, मै धड्कन
वो प्रीत है इस्कका, मै प्रियतमा
वो प्यार है इस्कका, मै साया
वो विणा है इस्कका, मै तार
वो संगीत है इस्कका, मै झंकार

वो विणा है इस्कका, मै तार
वो संगीत है इस्कका, मै झंकार ।।

सागरको लहरसंगसंगै वहने रहर💛💛💛!!

                               लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 

प्रकृति नै सदगुरु होजसले आफूभित्र अन्तरयात्रा गर्न सिकाउँछ!


सागरको हरलहरसंग प्रकृति रमाउँछ
हरलहरको गुञ्जनसंग ॐकार गुनगुनाउँछ
सागरको निश्छलतामा प्रेम मुस्कुराउँछ
सागरको शान्तपनले हृदयलाई डुबाउँछ

आहा प्रकृति!
हरलहरको स्पर्सले चट्टानलाई छोइदिने
चट्टानको दृढताले लहरलाई फिजाइदिने
लहरसंग लहरिदै पवन सुस्केराइदिने
चन्द्रमाको आकर्षणले लहरलाई उठाइदिने
सूर्यको हरकिरणले लहरलाई चम्काइदिने
वतासको हरझोखाले लहरलाई नचाइदिने
पुष्पलता सुगन्धले लहरलाई महकाइदिने
चराहरुले चिरबिरचिरबिर लहरसंगै गाइदिने
जलप्राणीको क्रिडाले लहरलाई झकझकइदिने
मेघको गडगडाहटले लहरलाई तरंगाइदिने
बादलुको घुम्टोले लहरलाई रुझाइदिने
वर्षातका थोपाहरुले लहरलाई श्रृगांरिदिने
भेलबाढीको वहावले लहरलाई बढाइदिने
शीतका मोतीहरुले लहरलाई चिस्याइदिने
पहाडका तरेलीहरुले लहरलाई नियालिदिने
रातको अन्धकारले लहरलाई छोपिदिने
उशाको झिसमिसेले लहरलाई चिहाइदिने
प्रकृतिको सुन्दरताले जीवनउर्जा जगाइदिने
जीवनउर्जाले इश्वर साक्षतकार गराइदिने
लहरसंगसंगै वहने रहर मनमा भरिदिने
किनकि
सागरको हरलहरसंग प्रकृति रमाउँछ
हरलहरको गुञ्जनसंग ॐकार गुनगुनाउँछ
सागरको निश्छलतामा प्रेम मुस्कुराउँछ
सागरको शान्तपनले हृदयलाई डुबाउँछ

सागरको निश्छलतामा प्रेम मुस्कुराउँछ
सागरको शान्तपनले हृदयलाई डुबाउँछ ।। 

Saturday, 18 May 2024

मुझमे तुमहीतुम हो

  लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी)


मुझमे तुमहीतुम हो

में कहीं नहीं

जिधर भी देखुं 

तुमहीतुम नजर आते हो 

मेरी बातोमे तुम

मेरी यादोमे तुम

मेरी रातोमे तुम

मेरी बाहोमे तुम

मेरी निदोमे तुम

मेरी सपनोमे तुम

मेरी कल्पनामे तुम

मेरी ध्यानमे तुम

मेरी साक्षीमे तुम

मेरी हरकदममे तुम

मेरी आदिमे तुम

मेरी अन्तमे तुम

मेरी आगेभी तुम

मेरी पिछेभी तुम

मेरी दाएंभी तुम

मेरी बाएंभी तुम

मेरी दिनमे तुम

मेरी रातोमे तुम

मेरी हरखुशीमे तुम

मेरी हरगममे तुम

मेरी फासलोमे तुम

मेरी नजदिकीमे तुम

मेरी आँखोमे तुम

मेरी हरनजारोमे तुम

मेरी पनाहोमे तुम

मेरी निगाहोमे तुम

मेरी राहो तुम

मेरी श्रद्धामे तुम

मेरी प्रेममे तुम

मेरी भक्तिमे

मेरी कामनामे तुम

मेरी लोभमे तुम

मेरी मोहमे तुम

मेरी क्रोधमे तुम

मेरी उदाषीमे तुम

मेरी खुशीमे तुम

मेरी खुस्बुमे तुम

मेरी संगीतमे तुम

मेरी सरगममे झंकारमे तुम

मेरी नृत्यमे तुम

मेरी तालमे तुम

मेरी रागमे तुम

मेरी जलमे तुम

मेरी आकाशमे तुम

मेरी तरगंमे तुम

मेरी प्रकाशमे तुम

मेरी उजालेमे तुम

मेरी अंधेरेमे तुम

मेरी हरइशारोमे तुम

मेरी हरतरफ तुम

तुमबिन कोही नहीं

तुमबिन कुछ नहीं

तुम ही तुम

वस तुमहीतुम हरपल

खुद परमात्मा तुम

निर्गुण सर्बात्मा तुम

इसलिए हरजगह तुम 

तुम ही तुम

बस तुमहीतुम

मुझमे तुमहस् तुम हो, 

मै तो कहीं भी नहीं हुँ

मे हुँभी तो मै भी तुम ही हुँ

तेरी अस्तित्वसे जुडाी हुँ

मे तेरी अंश हुँ

मे तुम हि हुँ

तुम मे हो

अहं ब्रह्मास्मि

तत्वमसि !!


19 may 2024

 


प्रकृतिसंग मित्रता💛💛💛!

                                            लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 

सामुद्रिक सूर्यास्त🌞!!


हे! ब्रह्माण्डका आकर्षण सूर्यदेवता,
तिमी पनि इश्वरको सृष्टि
म पनि इश्वरको सृष्टि
हामी सबै ब्रह्माण्डका सन्तती
हामीभित्रै छ सारा ब्रह्माण्ड
तिमी पनि आफैंमा मस्त
म पनि आफैंमा मस्त
तिमी मलाई नियालेर हेर
म तिमीलाई नियालेर हेर्छु
तिमी मेरो कविता लेख
म तिम्रो कविता लेख्छु
तिमीबिना म अधूरो छु
मबिना तिमी अधूरो छौ
तिमीसंग मेरो पूर्णता छ
मसंग तिम्रो पूर्णता छ
किनकि
तिमी पनि इश्वरको सृष्टि
म पनि इश्वरको सृष्टि
हामी सबै ब्रह्माण्डका सन्तती
हामीभित्रै छ सारा ब्रह्माण्ड !!

Tuesday, 14 May 2024

हावासंगको मित्रता!💛💛💛

                लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 

जीवन निरन्तर यात्रा हो जन्म-जन्मको
मर्छ केवल यो नाशवान शरीर
यही हो प्रकृतिको अकाट्य ऋत
यात्रामा अमूल्य अनुभव संगाल्दै जाउँ
क्षण-क्षणमा बसिहाल्छ प्यारो जीवनसंग प्रीत!!

Sunday, 5 May 2024

कति प्यारो तिमी 💛💛💛!

                   लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 


कति प्यारो हाँसो तिम्रो
तिमीले दन्तलहर खोली हाँसिदिदा
वसन्तमा रंगीन फुलहरु फूलेसरी!

कति चोखो प्रेम तिम्रो
तिमीले हृदय खोली ओछ्याइदिदा
अमृतमय आनन्दित पलहरु छाएसरी!

कति दिगो साथ तिम्रो
तिमीले हातमा हात राखिदिदा
इश्वरीय दिव्य आशिर्वाद पाएसरी!

कति सपष्ट संकेत तिम्रो
तिमीले नजर उठाइ हेरीदिदा
स्वर्गिय आनन्द धर्तीमा झरेसरी!

कति पोसिलो वातसल्य तिम्रो
तिमीले न्यानो अंगालोमा कसीदिदा
प्रीतीमा तनमन निथ्रुक्क भिजेसरी!

कति गहिरो चाहत तिम्रो
तिमीले मौनमै संवाद गरिदिदा
आँखाका प्यास झन-झन बढेसरी!

कति मिठो भाव तिम्रो
तिमीले प्रेमपूर्ण नजरले हेरिदिदा
तन-मन, भावना नौनीझैं पग्लेसरी!

कति मधूर वाणी तिम्रो
तिमीले प्रेमको बोली बोलिदिदा
संगीतका तरंगीत रागहरु गुञ्जेसरी! 

कति कोमल मन तिम्रो
तिमीले मलाई आफैंभित्र अटाइदिदा
प्रेमल हृदय पुलकित भएसरी!

कति कोमल मन तिम्रो
तिमीले मलाई आफैंभित्र अटाइदिदा
प्रेमल हृदय पुलकित भएसरी!!

Wednesday, 1 May 2024

काश हम साथ होते❤️💖

                          लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 


आज मुड आशिकाना बना है
पर तुम पाश नहीं, जानम
काश तुम मेरे साथ होते
दिलसे दिल लगानेकी बातें होती
प्यारसे प्यार बढानेकी यादे होती
हस्ने और हसानेकी नुस्खे होती
रोने और रुलानेकी भावनाएं होती
काश तुम मेरे पाश होते
एक दुजेके हाथोमे हाथ होती
प्यारको प्यारका बेफिक्र सहारा मिलती
कभि नछुट्नेका कसमे वादे होती
दिलसे दिल लगानेकी बातें होती
प्यारसे प्यार बढानेकी यादे होती
काश तुम मेरे साथ होते
एकदुसरेमे खोनेकी चाहत पुरी होती
एकदुसरेको पानेकी तमन्ना पुरी होती
हस्ने और हसानेकी नुस्खे होती
रोने और रुलानेकी भावनाएं होती
काश तुम मेरे साथ होते
दिलसे दिल लगानेकी बातें होती
प्यारसे प्यार बढानेकी यादे होती ।

चुपचाप लय मिलाइरहेछ प्रेम

                    लालीगुरांश   ( सिर्जना   भण्डारी ) न म केही बोल्छु न तिमी केही बोल्छौ तरपनि संवादमै छौं हामी चुपचाप निशव्दमा बहिरहेछ प्र...