लालीगुरांश (सिर्जना भण्डारी)
मिलेतो अजनवी थे तुम
पर अजनवी कभी लगानहीं
हमतो समन्दरमे डुबनेको
कबसे बेताब है
लेकिन क्या करें
समन्दर पाश आतानहीं
हम जा नहींसक्ते
किनारेपे ही अटकगए
पर गम नहीं
तुमने गौरतो किया
गम क्या है!!
https://youtube.com/shorts/4f35qVlm24Q?si=OS698UitP4ogyCCT
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