लालीगुरांश (सिर्जना भण्डारी)
दस्तककी तमन्ना कानोके लिए है
मुलाकातकी तमन्ना जिस्मके लिए है
हृदयसे जुडे मेरे जीवनके हमसफर
हृदयसे खामोसी ही सुनाइदेती है।
देखनेकी तमन्ना आँखोके लिए है
छुनेकी तमन्ना अंगोके लिए है
चेतनासे जुडे मेरे आँखोके सितारे
चेतनासे खामोसी ही सुनाइदेती है।
पानेकी तमन्ना जीनेके लिए है
जीनेकी तमन्ना साथके लिए है
रुहसे जुडे मेरे दिलकी धड्कन
रुहसे खामोसी ही सुनाइदेती है।
रोनेकी तमन्ना दुःखके लिए है
हँस्नेकी तमन्ना सुखके लिए है
परमात्मासे जुडे मेरे हृदयके सहेनशा
परमात्मासे खामोसी ही सुनाइदेती है।
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