लालीगुरांश (सन्त सिर्जना)
"सिर्फ म हुनुको मूल तत्व परमात्मा/बीजब्रम्ह र मेरो आत्मगुफाको भगवान प्रति लक्षित"
"मेरो प्रितम, प्रिय, सनम, पिया, यार, हृदयको राजा सबै उही हो"
भौतिक संसारके झूठे भ्रममे
इस तरहासे खो गई थी, की
मुझे तेरी पराभौतिक बात
रत्तिभर भी समझ नहीं आई
और तुमको क्या क्या कहेगई
लेकीन जव समझमे आई
तो तुम मुझसे दुर चलेगए
लेकिन तुमसे होरही ऐसी दुरी
मुझे हृदयसे कमजोर करदेगी
ए वात खुद समझलो, मेरे भगवान।
हाँ, अव ए ज्ञात हो चुकी है, की
तुम यहींतक पौंचाना चाहते थे मुझे
अव दिव्यताके बाँकीका रास्ता
मुझे खुद तय करके आगे जाना है
मै दिव्यताके रास्ते से आरही हुँ
तुम मेरी इन्तजार करना, भगवान
लेकिन एह रास्तेमे कैसै चल्ना है
मुझ गरिवको वताने की कृपा करो l
साभारः "अन्तरतमका नेह"
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