लालीगुरांश (सन्त सिर्जना)
"सिर्फ म हुनुको मूल तत्व परमात्मा/बीजब्रम्ह र मेरो आत्मगुफाको भगवान प्रति लक्षित"
"मेरो प्रितम, प्रिय, सनम, पिया, यार, हृदयको राजा सबै उही हो"
सच कहते है ए जमानेवाले, के
मिठा दर्द देनेवालोको
दर्दका अन्दाजा भी नही होता
लेकिन, ए दर्द सहनेवाले
ठिकसे जी भी नही पाते ।
मानती हुँ सिनेमे चल्ने वाले दिलसे
ए एक गल्ती हो गइ
लेकिन इसमे हृदयका क्या कसुर
जहाँ तुम भि तो रहते हो !!
काश तुम मुझे समझ पाते
अव कैसे मनाउँ तुम्हे
गल्ती तो हो चुकी है मुझसे
अव तुम खुद बतादो
कैसे सुधारुं इस पस्थितिको ।
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