लालीगुरांश (सिर्जना भण्डारी)
कमालका इस्क है हमारा
हम इसमे इतनि खोगए
चाहा तोभी वाहर नआपाए
अव वाहर आनाभी नहींहै
और गहरा करते जानाहै
एकदुजेमे खोकर एकदुजेको पानाहै
दोनो जिन्दगी सजानीहै
दोनोकी सपने पूरी करनीहै
अव तो बहुत हस्नाहै
रोना, बिलखना विलकुल भुल्नाहै
एक दुसरेके हो के
एक दुसरेमे पुरीतरहा खोनाहै
दोदिनके जिन्दगीको जन्नत बनानीहै
पल्कोमे तुम्को बसाना है
क्युके तेरामेरा दिव्य साथ
परमात्माने किसी वजहसे जुडायाहै
हमारा प्यार जनम-जनमका रुहानीहै
एक दुसरेकी कहानी बतानीहै
प्यारकी गहरी चाहते जतानीहै
आगेका रास्ता फूलोसे सजानीहै
यही जिन्दगीको जन्नत बनानीहै
एकदुसरेके होकर खुदमे खोजानीहै
सारी दुनियाको भुलानी है
क्युकी ए  तेरीमेरी कहानीहै
हमारा प्यार जनम-जनमका रुहानीहै !
क्युकी ए तेरीमेरी कहानीहै
हमारा प्यार जनम-जनमका रुहानीहै !!
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