लालीगुरांश (सिर्जना भण्डारी)
तुमको मेरी नजदीक नलासकी
मै तेरी नजदिक नआसकी
होसकेतो माफ करना मुझको
अगर यादोके मुस्किलमे होतो 
हकसे याद करलेना मुझे
तेरी आवाज मुझतक पहुचजाएगी
मै आजाउंगी हवावोसे तुमतक
तुम मुस्कुराके आँखोसे छुलेना
वस इतनाही काफीहोगा मुझको
मैने कभिभी कहानहीं तुमसे
मुझको पलपल याद करो
मुझे अपना वक्त दो
मुझसे वक्तवक्तमे वात करो
मुझे खुव अच्छेसे मालुमहे
तेरा हरवक्त वहीं जातागा
जहाँ ज्यादा जरुरत होगी
मैने कभिभी नहींमांगा तुमसे
तुम हरपल मेरा होजावो
मुझे एभी अच्छेसे मालुमहे
तेरीभी मेरीतरहा जिम्मेदारीयां होगी
तुम दुर हो मुझसे
मुझे कोही गमनहीं यारम
वस कभिकभि प्रेम वर्षदेना
भिगोदेना मेरी अंगअंग सारी
तो मैं मानलुगीं सुकुनसे
तुमने प्यारसे छुलिया मुझको
मैं तुमको नाछुसकी पाशसे
तोभी कोही गमनहीं यारम
मेरी यादें हररोज छुलेतिहोगी
धिरेसे, प्यारसे तुम्हारी तनमनको
हररोज बेचैन करदेती होगी
कभिकभि रुलातीभी होगी तुमको
और कभिकभि हँसातीभी होगी
प्रेमकी प्यास बुझातिभी होगी !
 
और कभिकभि हँसातीभी होगी
प्रेमकी प्यास बुझातिभी होगी !!
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