Thursday, 24 November 2022

आप और मे, 'हम' बनगए

                लालीगुरांश  (सिर्जना भण्डारी) 


अगर सवकुछ मिलजाए जीन्दगी मे

तो, पानेकी तमन्ना किसकी करुगीं

कुछ अधुरी ख्वाइसे पुरी होने कि

मनकी वो बेइन्तहां आसाऐं ही तो

पूरी जीन्दगी जीनेका मजा देती है

आप ही मेरी  बेइन्तहां तमन्ना हो

आप ही मेरी व अधुरी ख्वाइस हो ।

 

कभि-कभि सपनो मे जाया करें

कभि-कभि हकिकत मे जाया करें

मे पुरी जीन्दगी खुव मुस्कुराती रहुगीं

आपके मिठे-मिठे याद मेमेरे प्रियतम

मे पुरी जीन्दगी भरपूर जीती रहुगीं

आपके अलौकीक साथ मेमेरे प्रियतम 

 

आप जव हरदिन सपनों मे आते हो

और, मुझे आसमान मे उडा लेजाते हो

तो, ऐसा परम-आनन्द होता है, कि

जैसे, कहीं दुसरी संसार मे पहुँच गइ हुँ

जैसे, परमात्मा के दरबारमे रहरही हुँ

और, इस मायावी संसारसे मुक्त हो चुकी हुँ ।

 

आप जव कभि-कभि हकिकत मे आते हो

और, प्रेमके महासागर मे ऐसे डुबोदेते हो

तो, ऐसा अद्भूतसा अनुभव होता है, कि

जैसे, कोही युगौंकी अधूरी प्यास बुझगइ हो

जैसे, दिव्य प्रेमके अथाह गहराई मे डुवगइ हुँ

औरतुम्हे पानेकी अधुरी ख्वाइस पुरी होगइ हो ।

 

अव, हमने एक दुसरेको प्राप्त करलिया है

औरआत्माकी मिलनकी समय आरही है

हम एक-दुसरेके बहुत नजदिक होरहें है

हमारी हृदय कि धड्कन एक हो चुकी है

औरदो शरीर एक दिव्य आत्मा बनरही है

इस संसारको छोडकर प्रभुके करिव होरहे है । - 

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